प्रोद्योगिकी की स्थानांतरण :
तम्बाकू बोर्ड किसानों को व्यक्तिगत संपर्कों, सामूहिक बैठकों, किसान प्रशिक्षण और एक्सपोज़र विज़िट- सह-अध्ययन यात्रा, कार्यशाला, कृषि परीक्षणों / परिणाम प्रदर्शन और नमूना परियोजना क्षेत्र योजनाओं के द्वारा समय पर फसल सूचनाओं और नवीनतम प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण करने के द्वारा सफलता पूर्वक तम्बाकू फसल विकसित करने में मदद कर रही है।
- 1. किसानों और तकनीकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम:
किसान समुदाय को ज्ञान और कौशल प्रदान करने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देना यह विस्तार अभिकल्पना और योजना के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। इसमें नवीनतम तकनीकी ज्ञान, नेतृत्व का विकास और व्यवहार परिवर्तन का स्थानांतरण और उपयोग की अपार संभावनाएं प्राप्त होते है। इस प्रकार की प्रशिक्षण मानव संसाधन विकास के लिए एक महत्वपूर्ण और सतत आवश्यक प्रक्रिया है। प्रशिक्षण किसानों को तम्बाकू की खेती में अच्छी कृषि पद्धतियों को लागू करने में कुशल बनाता है, जिससे स्थिरता सुनिश्चित होती है। विस्तार कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान करने के साथ-साथ क्षमता, व्यावसायिकता और सेवा भाव को बढावा देने के लिए अत्यंत जरूरी है।
इसको दृष्टि में रखते हुए, जो पिछले फसल मौसमों में किया गया था, के अनुसार 2019-20 फसल मौसम के दौरान सीड बेड की तैयारी से लेकर पूर्व फसल उत्पाद प्रबंध तक होने वाले विभिन्न फसल चरणों में ग्रोयरों और क्षेत्र कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
v 2019-20 फसल मौसम में बोर्ड ने, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटका राज्यों के किसानों को सभी मिट्टी क्षेत्रों में उत्तम कृषि प्रथाओं पर जागरूकता पैदा करने के लिए नर्सरी प्रबंध से लेकर फसल की कटाई, क्यूरिंग और ऑन-फार्म भंडारण तक रहे फसल वृद्धि के विभिन्न चरणों में किसनों को, कुल मिलाकर 216 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की। लगभग 11113 प्रतिभागियों (ग्रोयर/ कर्मचारी) इस प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लिये थे।
v एनआईपीएचएम, हैदराबाद में ग्रोयरों और बोर्ड के तकनीकी अधिकारियों को कीट निगरानी, पेस्ट नियंत्रण और समेकित पेस्ट प्रबंध (आईपीएम) के विकसित अवधारणाओं, जीव नियंत्रण एजेंट और मैक्राबाईल जैव कीटनाशियों के फार्म उत्पादन पर 3 प्रशिक्षण कार्यक्रू आयोजित किये गये थे।
उहमि क्षेत्र में सीपीए अवशेषों के नियंत्रण की दिशा में किए गए विस्तार कार्यक्रम – कार्यान्वित की गई कार्य योजना:
v प्रादेशिक प्रबंधक, राजमहेन्द्री द्वारा एक प्लोर स्तर समिति, जिसमें संबंधित नीलाम अधीक्षक, दो व्यापारी सदस्य, दो ग्रोयर सदस्य, संबंधित क्षेत्र अधिकारी और क्षेत्र सहायक सदस्य होंगे।
v यह समिति फसल में कीटनाशकों के उपयोग की निगरानी करती है और किसानों को तम्बाकू में कीटनाशकों के अनावश्क उपयोग से बचने के लिए सूचना देता है।
v नीलामी अधीक्षकों ने नवंबर, 19 की 3वीं सप्ताह से दिसंबर, 19 की 1वीं सप्ताह तक सीपीए के मुद्धों पर केन्द्रीत करते हुए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बैठक आयोजित किया।
v प्रिंट मीडिया के माध्यम से ग्रोयरों को तम्बाकू में न सिफारिश कीटनाशकों का उपयोग नहीं करने और कार्बेन्डिजम, डाइथियोकार्बोंनेट्स और पेंडिमिथालीन को उपयोग करने से दूर रहने अपील की गई।
v प्रत्येक प्लोर, कीटनाशक की दुकानों और 90 पहचानित गॉंवों में सिफारिश पेस्टिसाईडों पर प्लेक्सी द्वारा प्रदर्शित किया गया और कार्बेन्डिजम, डाइथियोकार्बोंनेट्स और पेंडिमिथालीन आदि., से दूर रहने ग्रोयरों को अपील किये गये।
v ग्रोयरों को सीपीए की प्रबंध पर पोस्टर/ करपत्रों के रूप में, जिसमें कीट की आर्थिक अवसीमा (थ्रेषोल्ड) स्तर और पूर्वपैदावार अन्तराल की अवधि आदि., पर प्रचार सामग्री आपूर्तित किये गये।
v कीट नियंत्रण उपायों को सूचना पट्ट में प्रदर्शित किये गये और इसको ग्रोयरों के एकत्रित स्थानों में रखे गये।
v उहमि क्षेत्र में सीपीए अवशेष समस्या पर चर्चा करने देवरपल्ली नीलाम प्लैटफार्म में दि.18.12.2019 को उहमि क्षेत्र के ग्रोयरों और व्यापारी प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता श्री ए. श्रीधर बाबू, भा.प्र.से., सचिव, तम्बाकू बोर्ड ने की।
v बैठक के दौरान ग्रोयरों को उहमि क्षेत्र में सीपीए अवशेष समस्या पर बताया गया और समस्या को दूर करने केलिए उपाय बताया गया। उहमि क्षेत्र के सभी प्लैटफार्मों से 250 ग्रोयर इस बैठक में भाग लिये।
- 2. कार्यशाला:
आन्ध्र प्रदेश :
v प्रादेशिक प्रबंधक, दकामि क्षेत्र ने दहमि/ दकामि क्षेत्रों के सभी ग्रोयरों को कवर करते हुए दि. 9 जनवरी, 2020 और 24 जनवरी, 2020 को के.तं.अ.सं.- अनुसंधान केन्द्र, कंदुकूरू में एक कार्यशाला का आयोजित किया। इस कार्यशाला में, ग्रोयरों को नयी तम्बाकू बीज किस्मों, आरेबान्खे नियंत्रण उपा, ग्रीष्म जोतना, उर्वरक प्रयोग, अंतर कृषि, संघटित पोषकतत्व प्रबंध और संघटित पेस्ट प्रबंध पर जोर दिये गये। उक्त कार्यशाला को आयोजित करने के लिए प्रादेशिक प्रबंधक, दकामि क्षेत्र (ओंगोल) को रू.25,270/- की राशि खर्च हुई थी।
v प्रादेशिक प्रबंधक, राजमहेन्द्री ने उहमि क्षत्र के ग्रोयरों के लिए दि. 30 सितम्बर, 2019 को केतंअसं. अंक्षे, जीलुगुमिल्ली में “तम्बाकू में सीपीए और एनटीआरएम को कम करने उत्तम कृषि प्रयासों ” विषय पर कार्यशाला आयोजित किया। इस कार्यशाला में आर्गानिक फार्मिंग को परिवर्तन, 365 दिन ग्रीन कवरेज, पूर्व प्लानटेशन (15 अक्तूबर से पहले), रासायनिक पेस्टिसाईडों के स्थान में जीव-पेस्टिसाईडों का उपयोग और ओरेबान्खे नियंत्रण पर सुझाव दिये गये । उक्त कार्यशाला को आयोजन करने के लिए रू.43,094/- की राशि खर्च हुई।
कर्नाटका :
v प्रादेशिक प्रबंधक, मैसूर ने कर्नाटका के ग्रोयरों के लिए दि.31/07/2019 को के.तं.अ.सं, हुन्सूर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें के.तं.अ.सं. से विशेषज्ञ, व्यापार प्रतिनिधियों और बोर्ड के कर्मचारी भाग लिये और इस कार्यशाला में 95 ग्रोयर भाग लिये। इस कार्यशाला संचालन के लिए प्रादेशिक प्रबंधक, मैसूर को रू.39,942/- की राशि खर्च हुई। कार्यशाला के दौरान ग्रोयरों को उत्तम कृषि प्रयासों, उर्वरकों का सही प्रयोग, शून्य बजट प्राकृतिक फार्मिंग, पेस्ट तथा रोग प्रबंध और वैकल्पिक फसलों पर सूचना दिये गये थे।
किसान अनावरण विजिट कम अध्ययन यात्रा:
।. कर्नाटका के ग्रोयरों को अध्ययन यात्रा:
क. कर्नाटका के ग्रोयरों को एफसीवी तम्बाकू में जडबीएनएफ की खेती को बताने के लिए आन्ध्र प्रदेश को कर्नाटका से आये हुए ग्रोयरों के लिए एक अध्ययन यात्रा की व्यवस्था की गई थी। यह यात्रा 12 फरवरी से 13 फरवरी, 2019 तक उहमि क्षेत्र में आयोजित किया गया था। कर्नाटका के ग्रोयरों उहमि क्षेत्र के ग्रोयरों के साथ बातचीत की, जो 2018-19 आन्ध्र प्रदेश फसल मौसम के दौरान एफसीवी तम्बाकू की खेती में जडबीएनएफ प्रथाओं को अपनाये थे।
इस अध्ययन यात्रा आयोजन करने के लिए रू.2,72,421/- की राशि खर्च की गई है।
ख. कर्नाटका के ग्रोयरों को बीआईईसी, कृषिमेला और राष्ट्रीय बागबन प्रदर्शनी, 2020 को अध्ययन यात्रा:
प्रादेशिक प्रबंधक, मैसूर और पेरियपट्ना द्वारा कर्नाटका के ग्रोयरों को i) दि.30.08.19, 31.08.19 को बीआईईसी, बेंगलूर में अग्रिटेक-19 ii) दि.25.10.19 को कृषि मेला, जीकेवीके, बेंगलूर iii) दि.07.02. 2020 को राष्ट्रीय बागबन प्रदर्शनी, 2020, हेसरगट्टा आदि., को अध्ययन यात्रा कराया। इस अध्ययन यात्राओं मे 594 ग्रोयरों भाग लिये। ग्रोयरों को फार्म मशीनरी, जल प्रबंध, तकनीकी (ड्रिप सिंचाई), संघटित फार्मिंग प्रणाली, आर्गानिक फार्मिंग आदि., को कवर करने वाली नई तकनीकियों के बारे में अवगत कराया गया। अध्ययन यात्रा आयोजन करने के लिए प्रादेशिक प्रबंधक, मैसूर और पेरियापट्ना को 4.38 लाख रूपये की राशि खर्च हुई।
।।. आन्ध्र प्रदेश के ग्रोयरों के लिए अध्ययन यात्रा:
क. प्रकाशम जिला में 365 दिनों के हरित कवर का अध्ययन करने के लिए यात्रा:
प्रादेशिक प्रबंधक, राजमहेन्द्री द्वारा यर्रगोंडपालेम, प्रकाशम (जिला) में 365 दिनों के हरित कवर प्लॉट को देखने के लिए एक अध्ययन यात्रा आयोजित किया गया। ग्रोयरो को 365 दिन के हरित कवर प्लाटों में की गई विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया गया।
ग्रोयरों को बागबनी की फसलें जैसे., ताईवान गुवा, नीम्बू, कस्टर्ड सेब, अनार आदि., के बारे में भी दिखाये गये।
ख. एनओएपी, विजयवाडा के अध्ययन यात्रा:
प्रादेशिक प्रबंधक, राजमहेन्द्री द्वारा दि.04.10.19 को राष्ट्रीय आर्गानिक कृषि उत्पादन (एनओएपी), विजयवाडा में भाग लेने के लिए एक अध्ययन यात्रा आयोजन किया। इस अध्ययन यात्रा में 33 ग्रोयर भाग लिये। ग्रोयरों को बेहतर कीमतों और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की वृद्धि के लिए आर्गानिक फार्मिंग का विकल्प चुना गया।
ग. आन्ध्र प्रदेश के सभी नीलाम अधीक्षकों ने 2019-20 फसल मौसम के दौरान विभिन्न प्रान्तों याने., कृषि अनुसंधान केन्द्र, बागबनी अनुसंधान केन्द्र, प्राकृतिक फार्मिंग संसाधन यूनिट, आर्गानिक क्षेत्र और विभिन्न थ्रेशिंग प्लान्टों आदि., को अध्ययन यात्रा आयोजन किया था। आन्ध्र प्रदेश में 36 अध्ययन यात्राओं को आयोजित किये गये इसमें 846 ग्रोयर भाग लिये। इस अध्ययन यात्राओं को आयेाजित करने रू.5.08 लाख की राशि खर्च हुई।
।।।. आग्रोविजन, नागपूर को अध्ययन यात्रा:
इस अध्ययन यात्रा में दो पदाधिकारियों और 5 ग्रोयरों भाग लिया। उन्होंने कृषि, बागबान, सिंचाई, पौल्ट्री और पशुपालन, डेयरी वर्मी कंपोस्ट के विभिन्न स्टॉलों को विजिट किेये। उन्हें अनुसंधान केन्द्र में नीम्बू-वंश के जेर्म प्लास्म को बनाये रखने, जल प्रबंध और स्पेयरों, मक्का कॉब थ्रेशर, छेद डिग्गरों आदि., के बारे में बताये गये। उन्होंने आर्गानिक फार्मिंग, ग्रीन हाऊस, डायरी, मक्खी पालन और सेरीकल्चन आदि., पर आयोजित कार्यशाला में भाग लिया।
- 3. ग्रोयरों को पुरस्कार :
तम्बाकू (फसल) की उत्तम गुणवत्ता और उपज प्राप्त करने में ग्रोयरों के प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्धेश्य से बोर्ड ने आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटका के प्रत्येक नीलामी प्लैटफार्म में से एक ग्रोयर को दि. 03 जनवरी, 2020 को संपन्न स्थापना दिवस के सुअवसर पर सम्मानित किया। ग्रोयरों को प्रशंसात्मक उल्लेख और रू.5000/- नकद पुरस्कार के साथ सम्मानित किये गये।
- 4. प्रचार सामग्री :
तम्बाकू बोर्ड ने 2019-20 के दौरान “एफसीवी तम्बाकू की खेती में प्राकृतिक फार्मिंग के तरीकों” पर 200 अंग्रेजी ब्रोचर बहुरंगीन मे और “अपने इंधन स्वयं रैज करें” पर 22,000 बहुरंगीन करपत्रों और “एनटीआरएम उन्मूलन और उत्पाद अखंडता” पर 15,500 तेलुगु ब्रोचर बहुरंगीन में मुद्रित करके ग्रोयरों को वितरित की।
- 5. क्षेत्र मित्र दल :
तम्बाकू की खेती के विभिन्न पहलूओं पर ग्रोयरों को समय पर सलाह और सुझाव देने के.तं.अ.सं, के विशेषज्ञों, मेसर्स. आईटीसी लिमिटेड और मेसर्स. जीपीआई लिमिटेड के क्षेत्र कर्मचारी दल और बोर्ड के तकनीकी अधिकारियों के साथ क्षेत्र मित्र दलों को स्थापित किया था। क्षेत्र मित्र दल अपनी यात्राओं के दौरान सभी क्षेत्रों के साधारण फसल स्थिति का निरीक्षण करेगा और फसल स्थिति को सुधार करने के लिए अपनाये जाने वाली विशिष्ट मध्यस्थताओं पर बोर्ड के विस्तार कर्मचारियों और ग्रोयरों को सूचित करेगा।
- 6. ऑन फार्म परीक्षा एवं प्रयोगात्मक परीक्षण :
तम्बाकू बोर्ड ने, शून्य बजट प्राकृतिक फार्मिंग पर ग्रोयरों के क्षेत्रों में “ऑन-फार्म परीक्षा एवं प्रयोगात्मक परीक्षण” को कार्यान्वित किया था।
2019-20 फसल मौसम के दौरान, @1 ट्रयल प्लाट/ नीलाम प्लैटफार्म के हिसाब से कर्नाटका में 11 ऑन- फार्म ट्रयल प्लाटों और आन्ध्र प्रदेश में 82 ग्रोयरों के क्षेत्रों में ऑन- फार्म ट्रयल प्लाटों को अपनाया था। प्राकृतिक फार्मिंग के अंतर्गत आन्ध्र प्रदेश में 325 एकडों के क्षेत्र को और कर्नाटका में 45 एकडों के क्षेत्र को कवर किया गया था। तम्बाकू बोर्ड ने कर्नाटका में इस योजना को कार्यान्वयन करने के लिए रू.1.99 लाख और तम्बाकू संवर्धन में जडबीएनएफ का कार्यान्वयन से संबंधित आन्ध्र प्रदेश मे रू.11.74 लाख की राशि खर्च की।
- 7. नमूना परियोजना क्षेत्र :
बोर्ड ने आन्ध्र प्रदेश के 18 गॉवों में और कर्नाटका के 11 गॉवों में कम उत्पादकता वाले क्षेत्रों में तम्बाकू की उत्पादकता और गुणवत्ता को बढाने के लिए सर्वोत्तम कृषि प्रथाओं को अपनाने इन गॉंवों में किसानों को प्रोत्साहित करने एक केंद्रित तरीके से नमूना परियोजना क्षेत्र को कार्यान्वित किया था। मेसर्स. आईटीसी लिमिटेड, मे. गाडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड, डक्कन टोबाको कंपेनी और आलियन्स वन इंडिया लिमिटेड भी इस एमपीए गॉंवों में विकासात्मक गतिविधियों को करने में शामिल रहे थे।